
अमेरिका के (?) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई शिखर बैठक के बाद एक और कूटनीतिक हलचल सामने आई — यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने ट्रंप से सीधी बातचीत की।
ज़ेलेंस्की ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर इस बातचीत की जानकारी साझा करते हुए कहा:
“अगर त्रिपक्षीय बैठक नहीं होती या रूस ईमानदारी नहीं दिखाता, तो उस पर प्रतिबंध और कड़े किए जाएं।”
यानि शांति की बात तो ठीक है, लेकिन बिना यूक्रेन के “डील” करने का कोई शॉर्टकट नहीं चलेगा।
रूस को खुली चेतावनी: “हम हैं, इसलिए लड़ाई है”
ज़ेलेंस्की का बड़ा फोकस यह था कि:
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युद्धबंदियों की रिहाई हो
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युद्धविराम की ठोस योजना बने
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रूस पर दबाव बनाए रखा जाए
“यूक्रेन के लिए अहम किसी भी मुद्दे पर चर्चा यूक्रेन की मौजूदगी में ही होनी चाहिए। ख़ासकर जमीन या क्षेत्रीय अधिकारों पर कोई फैसला बिना हमारे नहीं लिया जा सकता।”
यानि – हमारी ज़मीन की बात करनी है, तो हमें बुलाना भी पड़ेगा।
ट्रंप-पुतिन बैठक के बाद आया कॉल
शुक्रवार को अलास्का में ट्रंप और पुतिन की बैठक हुई थी। उसी के बाद ट्रंप ने वाशिंगटन लौटते हुए ज़ेलेंस्की को कॉल किया। यह कॉल दर्शाता है कि यूक्रेन अब भी इस ग्लोबल संघर्ष का मुख्य स्टेकहोल्डर बना हुआ है, भले ही बारी-बारी से रूस और अमेरिका कुछ भी बातें करें।
रूस पर दबाव बनाना ज़रूरी: ज़ेलेंस्की की स्ट्रैटेजी
ज़ेलेंस्की ने इस बातचीत में स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि रूस “Acting Smart” करता रहा और शांति प्रक्रिया से बचता रहा, तो उसे और भारी कीमत चुकानी होगी।

संदेश साफ है:
“रूस अगर सीरियस नहीं होता, तो Global Community को भी सीरियस हो जाना चाहिए।”
ज़ेलेंस्की जल्द अमेरिका यात्रा पर
ज़ेलेंस्की सोमवार को अमेरिका पहुंचेंगे। उम्मीद की जा रही है कि वहां वह अमेरिकी प्रशासन से आर्थिक सहयोग, सेन्य समर्थन और राजनयिक दबाव जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
कूटनीतिक हलकों में चर्चा है कि ज़ेलेंस्की अपनी यात्रा के दौरान “पुतिन-ट्रंप मीटिंग के असर” का काउंटर नैरेटिव पेश करेंगे।
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ज़ेलेंस्की और ट्रंप के बीच शांति और रणनीति को लेकर अहम बातचीत हुई
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ज़ेलेंस्की ने रूस पर प्रतिबंध और दबाव जारी रखने की मांग की
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कहा- “यूक्रेन के मुद्दे पर फैसला यूक्रेन के बिना नहीं हो सकता”
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अमेरिका यात्रा पर ज़ेलेंस्की, बढ़ेगा यूएस-यूक्रेन समन्वय
क्या अगली मुलाक़ात वॉशिंगटन में होगी या कीव में?
दुनिया देख रही है, लेकिन ज़ेलेंस्की ने साफ कर दिया है — “हमारे भविष्य की बात हो रही है, तो हमारी कुर्सी टेबल पर Reserved रहनी चाहिए!”
अलास्का में ट्रंप-पुतिन मीटिंग और दिल्ली से आया ‘शांति वाला सिग्नल’!
